शिक्षण-सत्र 10 : ऑखो के सामने हैं समाप्ती की रेखा।
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Lesson
हम अपने अंतिम मूल्यॉकन पर आ गये है जो कि बाईबल के लेखक यहूदा के साथ इस बात का सार निकालेते हुये वचन के साथ-साथ हमारी यात्रा के महत्व व उसके परिणाम के महत्व को देखने में हमारी सहायता करेगा। याद रखें जब आप इन अध्ययनो में से होकर जायेगें, तो यह मूल्यॉकन इस बड़ी तस्वीर को स्वयं बनाने में एक महत्वपूर्ण भाग होगा। आने वाले सप्ताहो में कुछ निरन्तर मूल्यॉकन, और जीवन पर्यन्त कें लिय आप इस साधन को आपनी आत्मिक उत्रति के लिय व सेवकाई के लिये बनाते चले जायेगें। इसके विपरीत, बिना किसी मूल्यॉकन के यह साधन धीरे से हॉथों से फिसलता चला जायेगा और साथ, उसके गुण भी जो परमेंश्वर ने आपके जीवन के लिये व अपकी सेवकाई के लिये रखें हैं। संदेश ? थोडा और व्यक्तिगत निवेश ; मूल्यॉकन और आप के निवेश पर आपकी कमाई आपकी आपेक्षा से कहीं ज्यदा होगी। मसीह में आपकी सिद्धता और उसके लिये आपकी सेवकाई दोनों इससे लाभ उठायेंगे।